महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले हैं, लेकिन कुछ मैच ऐसे भी थे जिन्होंने रिकॉर्ड बुक में अपनी खास जगह बनाई। इन मैचों में से एक सबसे बड़ी जीत भी है, जो रनों के हिसाब से इतिहास में दर्ज की गई। यह जीत सिर्फ एक टीम की ताकत को नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट की पूरी दुनिया की क्षमता को दर्शाती है। आइए, जानते हैं महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में रनों के हिसाब से मिली सबसे बड़ी जीत के बारे में।
408 रन: न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक जीत
महिला वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम है। साल 1997 में, न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को 408 रनों से हराया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए, न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 455/5 का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में पाकिस्तान की टीम मात्र 47 रन पर सिमट गई। इस शानदार जीत में माया लुईस ने 105 रनों की पारी खेली, जबकि गेंदबाजी में क्लेयर निकोल्सन ने 4 विकेट झटके।
374 रन: ऑस्ट्रेलिया की दबदबा
दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की टीम है, जिसने 1997 में पाकिस्तान को 374 रनों से हराया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए, ऑस्ट्रेलिया ने 397/4 का विशाल स्कोर खड़ा किया। पाकिस्तान की टीम के बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए और टीम सिर्फ 23 रन पर ऑलआउट हो गई। इस मैच में बेलिंडा क्लार्क ने 131 और लिसा कीटली ने 156 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि गेंदबाजी में ओलिविया मैग्नो ने 4 विकेट झटके।
363 रन: ऑस्ट्रेलिया का दूसरा धमाका
ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 1997 में डेनमार्क महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ 363 रनों से जीत दर्ज की थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए, ऑस्ट्रेलिया ने 412/3 का स्कोर खड़ा किया, जिसमें बेलिंडा क्लार्क ने 155 गेंदों पर 229* रनों की शानदार पारी खेली। जवाब में डेनमार्क की टीम सिर्फ 49 रन पर ही ऑलआउट हो गई। गेंदबाजी में कैरेन रोल्टन ने 3 विकेट चटकाए।
347 रन: न्यूजीलैंड ने आयरलैंड को रौंदा
चौथे स्थान पर न्यूजीलैंड की टीम है, जिसने 2018 में आयरलैंड को 347 रनों से हराया था। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 491/4 का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसमें सूजी बेट्स (151) और मैडी ग्रीन (122) की शतकीय पारियां शामिल थीं। आयरलैंड की टीम इस विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 144 रनों पर ऑलआउट हो गई। न्यूजीलैंड की गेंदबाजी में ली कास्पेरेक ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए।
इन शानदार जीतों ने महिला क्रिकेट की ताकत को साबित किया है और इन रिकॉर्ड्स ने इतिहास में अपनी जगह बनाई है। महिला क्रिकेट अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और प्रतिस्पर्धी हो चुका है।